A Simple Key For sidh kunjika Unveiled
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:
श्री महा लक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति ॥ १४ ॥
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं पठेत्।
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नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि।
ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं. धन लाभ, विद्या अर्जन, शत्रु पर विजय, नौकरी में पदोन्नति, अच्छी सेहत, here कर्ज से मुक्ति, यश-बल में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ण होती है.